Wmo Report:वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा ने बनाया नया रिकॉर्ड, जलवायु लक्ष्यों को खतरा – Record-breaking Rise In Greenhouse Gases Threatens Climate Goals: Wmo Report

Wmo Report:वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा ने बनाया नया रिकॉर्ड, जलवायु लक्ष्यों को खतरा – Record-breaking Rise In Greenhouse Gases Threatens Climate Goals: Wmo Report
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हमारे वातावरण में गर्मी रोक कर पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ा रही ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई हैं। यूएन के विश्व मौसम-विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने नई रिपोर्ट में यह दावा किया। इसके अनुसार वृद्धि में कोई रुकावट आती नहीं दिख रही है।

जलवायु परिवर्तन पर दुबई में 30 नवंबर से होने जा रही यूएन से जुड़े पक्षकारों की 28वीं कॉन्फ्रेंस (कॉप-28) से पहले संगठन के ग्रीनहाउस गैस बुलेटिन ने संकेत दिया कि कार्बन डाई ऑक्साइड की वृद्धि दर में पिछले साल और दशक के औसत से कुछ कमी आई, लेकिन ऐसा कार्बन चक्र की वजह से हुआ।

शुरुआती औद्योगिक काल (1850 से 1900) के मुकाबले 2022 में कार्बन का स्तर 50 प्रतिशत अधिक पाया गया। औद्योगिक गतिविधियों से नए उत्सर्जन भी बढ़े। मीथेन व नाइट्रस ऑक्साइड का स्तर 2021 के मुकाबले 2022 में बढ़ा।

अब भी गलत दिशा में जा रहे हम

डब्ल्यूएमओ सचिव का कहना है कि दशकों मिल रहीं वैज्ञानिकों की तमाम चेतावनियों, जलवायु कॉन्फ्रेंस, रिपोर्ट्स आदि के बावजूद ग्रीन हाउस गैसों का मौजूदा उत्सर्जन स्तर पृथ्वी के तापमान को बढ़ाता जा रहा है। हम अब भी गलत दिशा में जा रहे हैं। इसका परिणाम अत्यधिक गर्मी, बाढ़, हिम पिघलने, समुद्र स्तर बढ़ने के रूप में सामने आएगा। हमें जीवाश्म ईंधन का उपयोग घटाना होगा।

ग्रीन हाउस गैसें: मौजूदगी, असर और हालात

अमेरिकी समुद्र व वातावरण अध्ययन प्रशासन के अनुसार 1990 से 2022 तक ग्रीन हाउस गैसों की वातावरण में गर्मी बढ़ाने की कुल शक्ति 49 प्रतिशत बढ़ चुकी है। कार्बन की शक्ति में 78 प्रतिशत इजाफा हुआ है। संगठन के अनुसार इन गैसों की मौजूदगी, असर व हालात कुछ ऐसे हैं :

 

कार्बन डाई ऑक्साइड

ग्रीन हाउस गैसों में इसका हिस्सा सबसे ज्यादा 50 प्रतिशत है और गर्मी बढ़ाने में योगदान 64 प्रतिशत। हर साल इसके कुल उत्सर्जन में से 25 प्रतिशत समुद्र और 30 प्रतिशत जंगल सोखते हैं।

 

मीथेन

यह वातावरण में एक दशक तक बनी रहती है, गर्मी बढ़ाने में योगदान 16 प्रतिशत है। 40% मीथेन प्राकृतिक स्रोतों जैसे वेटलैंड व दीमकों से आती है। 60 प्रतिशत मानवीय गतिविधियों जैसे धान की खेती, मवेशियों, जीवाश्म ईंधन उत्खनन, पराली व अन्य जैविक सामग्री जलाने से पैदा होती है।

 

नाइट्रस ऑक्साइड

यह ग्रीन हाउस के साथ ओजोन को क्षति पहुंचाने वाली गैस भी है। गर्मी बढ़ाने में योगदान 7% है। इसका 60 प्रतिशत उत्सर्जन समुद्र, मिट्टी, बायोमास व जंगल जलने और 40 प्रतिशत उत्सर्जन मानवीय गतिविधियों जैसे रसायनयुक्त खाद व औद्योगिक गतिविधियों से हो रहा है।

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