![](https://mumbaihighlights.com/wp-content/uploads/2023/11/salt_1603704766.jpeg)
Us Lab Report:कहीं आपका भी नमक तो नहीं है जहरीला? दावा- ज्यादातार पैक्ड नमक में हो सकते हैं कैंसरकारक तत्व – Us Lab Report Says Potassium Ferrocyanide Levels Are High In Indian Salt Contains Deadly Cyanide Too
https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2020/10/26/750×506/salt_1603704766.jpeg
अमेरिकी प्रयोगशाला की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बेचे जाने वाले प्रोसेस्ड आयोडीन युक्त नमक के प्रीमियम ब्रांडों में कथित तौर पर कार्सिनोजेनिक और पोटेशियम फेरोसाइनाइड जैसे हानिकारक घटक हो सकते हैं। ये सेहत के लिए इतने खतरनाक हो सकते हैं कि अगर लंबे समय तक इनका सेवन किया जाता रहे तो इसके कारण कैंसर तक का भी खतरा हो सकता है। विशेषतौर पर कार्सिनोजेन, डीएनए को क्षति पहुंचाकर कैंसर कोशिकाओं के विकास का कारण बन सकती हैं।
इससे एक या अधिक प्रकार के कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है।
गोधूम ग्रेन्स एंड फार्म्स प्रोडक्ट्स के अध्यक्ष शिव शंकर गुप्ता ने एक विज्ञप्ति में बताया कि अमेरिकन वेस्ट एनालिटिकल लेबोरेटरीज के परीक्षण में पाया गया है कि देश में टॉप ब्रॉन्ड्स के रिफाइंड नमक में खतरनाक रूप से 4.71 मिलीग्राम/किग्रा जितना अधिक स्तर पर ये हानिकारक तत्व हो सकते हैं। पोटेशियम फेरोसाइनाइड को रसायन की भाषा में ‘घातक जहर’ माना जाता है। डॉ गुप्ता कहते हैं, पोटेशियम फेरोसाइनाइड को खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल की अनुमति नहीं है।
गुप्ता ने आरोप लगाया कि भारत में प्रमुख नमक निर्माताओं द्वारा जहरीले साइनाइड यौगिकों का उपयोग किया जा रहा है। नमक में प्राकृतिक रूप से पहले से मौजूद आयोडीन को दोबारा कृत्रिम रूप से भी मिलाया जाता है, जिससे यह जहरीली हो सकती है। अग्रणी कंपनियां आयोडीन और साइनाइड जैसे खतरनाक रसायनों से भरे औद्योगिक कचरे को दोबारा पैक कर रही हैं।
इस तरह के खतरनाक चीजों का सेवन करने से कैंसर, हाइपरथायरायडिज्म, उच्च रक्तचाप, नपुंसकता, मोटापा, किडनी फेलियर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है। जाने-अनजाने हम में से अधिकतर लोग इसकी चपेट में हैं।
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद देश की अग्रणी नमक बिक्रेता कंपनियों की तरफ से भी बयान आने शुरू हो गए।
टाटा साल्ट ब्रांड बनाने वाली टाटा केमिकल्स ने बुधवार को कहा कि उसका नमक उपयोग के लिए “सुरक्षित और हानिरहित” है। कंपनी ने कहा कि भारत सहित अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों ने नमक में पोटेशियम फेरोसायनाइड के इस्तेमाल की अनुमति दी है। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा अनुमत स्तर सबसे कम 10 मिलीग्राम/किग्रा है। पोटेशियम फेरोसायनाइड को 14 मिलीग्राम/किग्रा के स्तर पर उपभोग के लिए सुरक्षित घोषित किया है। हमारा नमक इन मानकों का पूरी तरह से पालन करता है।
इस बहस के बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि टेबल सॉल्ट में आखिर पोटेशियम फेरोसायनाइड जैसे एजेंट्स की क्या आवश्यकता है?
रिपोर्ट्स से पता चलता है कि पोटेशियम फेरोसाइनाइड (K4[Fe(CN)6]) मिलाने से नमक को जमने और गांठ बनने से रोकने में मदद मिलती है। हालांकि इसके डीकंपोजर की अधिकता मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए हानिकारक है। भारतीय नमक बिक्रेताओं का दावा है कि उनके ब्रॉन्ड, पोटेशियम फेरोसायनाइड की सुरक्षित मात्रा को प्रयोग में ला रहे हैं।
————–
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
#Lab #Reportकह #आपक #भ #नमक #त #नह #ह #जहरल #दव #जयदतर #पकड #नमक #म #ह #सकत #ह #कसरकरक #ततव #Lab #Report #Potassium #Ferrocyanide #Levels #High #Indian #Salt #Deadly #Cyanide