Supreme Court:तीन वर्षीय अमेरिकी को ‘सुप्रीम आदेश’ से जीवनदान, लीवर दान करेगा भारतीय भाई, अब प्रत्यारोपण होगा – Supreme Court Updates Liver Transplant Three Year Us Boy Policy On Premature Release From Jail

Supreme Court:तीन वर्षीय अमेरिकी को ‘सुप्रीम आदेश’ से जीवनदान, लीवर दान करेगा भारतीय भाई, अब प्रत्यारोपण होगा – Supreme Court Updates Liver Transplant Three Year Us Boy Policy On Premature Release From Jail
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Supreme Court Updates Liver Transplant Three Year US Boy policy on Premature release from Jail

तीन साल के बच्चे का लीवर प्रत्यारोपण, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मिलेगा जीवनदान (सांकेतिक फोटो)
– फोटो : ANI

विस्तार


अंग प्रत्यारोपण और ऑर्गन डोनेशन यानी अंगदान के मामले में भारत के कानून बड़े सख्त हैं। हालांकि, बात अगर किसी की जान बचाने की हो तो देश की सबसे बड़ी अदालत सरहदों के पार रहने वाले नागरिकों की भी मदद करने में हिचकिचाती नहीं है। यह मामला है तीन साल के अमेरिकी बच्चे के लीवर प्रत्यारोपण का। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित के दूर के भारतीय चचेरे भाई को अंग दान करने की अनुमति दी है। अदालत ने दो टूक कहा, अंग दान करने से पहले कानूनी जरूरतों और “पूर्ण शर्तों” पर विचार करने के नजरिए से यह उपयुक्त मामला नहीं है।

अमेरिकी लड़के के लीवर प्रत्यारोपण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अदालत के इस फैसले को “किसी अन्य मामले के लिए मिसाल” नहीं माना जाएगा। शीर्ष अदालत ने मानवता के आधार पर अपने इस फैसले में उस बच्चे की जान बचाने को प्राथमिकता दी, जिसे इलाज के लिए गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बच्चे को पित्त सिरोसिस (डीबीसी) से पीड़ित पाया गया। डीबीसी एक चिकित्सीय स्थिति है जो लीवर की विफलता के कारण होती है। ऐसे मामलों में रोगी को केवल प्रत्यारोपण से ही बचाया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ को मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम (THOTA) की धारा 9 की व्याख्या करनी थी। इस कानूनी चुनौती / अड़चन के कारण पीड़ित का दूर के रिश्ते का भारतीय चचेरा भाई बच्चे को लीवर दान करने में सक्षम नहीं था। बता दें कि THOTA की धारा उन अंगों के प्रत्यारोपण पर रोक लगाती है जहां अंग लेने वाला एक विदेशी है और डोनर “निकट रिश्तेदार” नहीं है। कानून के मुताबिक “निकट रिश्तेदारों” में “पति/पत्नी, पुत्र, पुत्री, पिता, माता, भाई, बहन, दादा, दादी, पोता या पोती” शामिल हैं। इस परिभाषा में चचेरा भाई शामिल नहीं है।






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