Pet Exam 2023:प्रयागराज में बैठकर ब्लूटूथ से सॉल्व करा रहे थे पेपर, इस तरह से खुली पोल, एसटीएफ ने दबोचा – Pet Exam 2023: Were Copying Through Bluetooth While Sitting In Prayagraj

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Pet Exam 2023:प्रयागराज में बैठकर ब्लूटूथ से सॉल्व करा रहे थे पेपर, इस तरह से खुली पोल, एसटीएफ ने दबोचा – Pet Exam 2023: Were Copying Through Bluetooth While Sitting In Prayagraj
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PET EXAM 2023: Were copying through Bluetooth while sitting in Prayagraj

कंट्रोल रूम से की गई परीक्षा की निगरानी
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


पीईटी के मद्देनजर एसटीएफ व अन्य सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही सक्रिय थीं। परीक्षा के दौरान एसटीएफ के डीएसपी दीपक कुमार सिंह को सूचना मिली की प्रयागराज में बैठे सॉल्वर गैंग का सरगना दीपक कुमार पटेल व उसका साथी अजय वाराणसी, बांदा, उन्नाव व कानपुर के परीक्षा केंद्रों पर ब्लूटूथ से नकल करा रहे हैं। इस सूचना के बाद सरगना को साथी समेत व परीक्षार्थियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

दीपक व अजय ने बताया कि उनका गिरोह पैसा लेकर पेपर हल कराते हैं। पीईटी में भी उन्होंने कई परीक्षार्थियों से नकल कराने के लिए पैसे लिए थे। गिरफ्तार अभियुक्तों के मोबाइल से मिले परीक्षा प्रश्न पत्र को देखने पर एक बार कोड मिला। इसकी आयोग से जांच कराई गई तो पता चला कि यह प्रश्न पत्र आरपीडी इंटर कॉलेज, संदहा चौबेपुर वाराणसी के परीक्षा केंद्र का है। इसकी जांच में पता चला कि यह एक अनुपस्थित परीक्षार्थी का पेपर है। इसे कक्ष निरीक्षक के रूप में ड्यूटी कर रहे विनय पटेल ने सॉल्वर गैंग को उपलब्ध कराया था।

 गिरोह के लोग इसी के माध्यम से पेपर हल करा रहे थे। ऐसे ही गौतमबुद्धनगर के परीक्षा केंद्र तिलपता में वास्तविक अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहे अभ्यर्थी को वहां की टीम ने पकड़ा। गिरफ्तार रविंद्र सिंह ने बताया कि वह बीएससी फेल है। अभ्यर्थी उदयवीर सिंह के भाई से दोस्ती थी। उसने परीक्षा दिलवाने के लिए पैसे देने की बात कही। उसने उदयवीर के आधार कार्ड को एडिट कर अपनी फोटो लगाई थी।

ब्लूटूथ का पहली जांच में नहीं चला पता

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग प्रशासन ने बताया कि बांदा के एक केंद्र पर अभ्यर्थी पंकज कुमार मौर्या परीक्षा देने पहुंचा। पहली जांच में उसे नहीं पकड़ा जा सका। जब एसटीएफ से सूचना मिलने पर उसकी दोबारा सघनता से जांच की गई तो उसके कान के अंदर ब्लू टूथ डिवाइस मिली, जिसके माध्यम से वह पेपर हल कर रहा था। इस तरह उसे पकड़ा जा सका।

फेस रिक्गनिशन और पेपर पर कोडिंग का प्रयोग सफल

आयोग के सचिव अवनीश सक्सेना ने बताया कि पीईटी में इस साल पहली बार फेस रिक्गनिशन का प्रयोग किया गया। इससे अभ्यर्थी के मूल आवेदन से फोटो का मिलान किया जाता है। शक होने पर उसकी अन्य जांच की जाती है। इससे परीक्षा में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पकड़े गए। इस साल पहली बार प्रश्न पत्र के हर पेज पर कोडिंग कराई गई थी। इससे जिस केंद्र से भी पेपर बाहर जाएगा, वहां की जानकारी मिल जाएगी। इसका भी असर परीक्षा में देखने को मिला। आयोग के लखनऊ मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम से पूरे प्रदेश की परीक्षा की निगरानी की गई। इसमें भी संदिग्ध मिलने पर तुरंत जांच कराई गई।

 

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