Dengue:उत्तर प्रदेश में डेंगू से 24 मौतें, बिहार में 373 नए मामले, हर चार में से एक परिवार आया रोग की चपेट में – Dengue Cases In Uttar Pradesh Bihar And Delhi Latest Update Hospitalization And Severity Of Dengue

mumbai_highlights
mumbai_highlights
6 Min Read

Dengue:उत्तर प्रदेश में डेंगू से 24 मौतें, बिहार में 373 नए मामले, हर चार में से एक परिवार आया रोग की चपेट में – Dengue Cases In Uttar Pradesh Bihar And Delhi Latest Update Hospitalization And Severity Of Dengue

मच्छर जनित रोग डेंगू, चिकनगुनिया के मामले देशभर में बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के अधिकतर राज्य इस रोग की चपेट में है। डेंगू के कारण न सिर्फ अस्पतालों में रोगियों की संख्या बढ़ी है, साथ ही इस बार संक्रमण के कारण मौत के मामले भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता बढ़ा रहे हैं। दिल्ली के साथ उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब से मिल रही डेंगू की जानकारियां भी डराने वाली हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को मच्छरों के काटने से बचाव के लिए उपाय करते रहने चाहिए। डेंगू के मच्छर दिन के समय अधिक काटते हैं, इसलिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए साफ-सफाई और दवाओं का छिड़काव कराएं।

आइए जानते हैं कि मच्छर जनित रोगों की राज्यों मे क्या स्थिति है? इन रोगों से बचाव को लेकर डॉक्टर्स क्या सलाह देते हैं?

उत्तर प्रदेश और बिहार में बिगड़ रहे हैं हालात

डेंगू के मामले उत्तर प्रदेश और बिहार सहित कई अन्य राज्यों में रफ्तार पकड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है हालांकि, अगर निजी अस्पतालों के डेटा को भी शामिल किया जाए तो ये टोल बढ़ सकता है। राज्य में डेंगू के मामलों की संख्या 13,000 से अधिक हो गई है। पिछले 24 घंटे में डेंगू के 600 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं।

इसी तरह से बिहार में पिछले 24 घंटे में 373 नए केस दर्ज किए गए। अकेले पटना जिले से अधिकतम 178 मामले सामने आए हैं। इस साल अब तक राज्य में डेंगू के मामलों की संख्या 11,675 हो गई है, जिसमें केवल अक्तूबर में ही 4,940 मामले शामिल हैं। 

राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ रहे हैं केस

अमर उजाला से बातचीत में ग्रेटर नोएडा स्थित एक अस्पताल में आपातकालीन चिकित्सा विभाग के डॉक्टर आमिर सिद्दिकी बताते हैं, इन दिनों ओपीडी में बुखार की शिकायत के साथ आ रहे ज्यादातर रोगियों में डेंगू का निदान किया जा रहा है। कई लोगों में तेजी से ब्लड प्लेटलेट्स गिरने की समस्या देखी जा रही है, जो गंभीर रक्तस्रावी डेंगू का कारण हो सकती है। ऐसे रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत हो सकती है।

डेंगू के गंभीर मामलों में इलाज में देरी के कारण रोग के बढ़ने और अन्य स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का खतरा हो सकता है। 

DEN-2 स्ट्रेन के कारण गंभीर रोग का जोखिम

दिल्ली में पिछले डेढ़ महीने में डेंगू के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। जहां राज्य में 5 अगस्त तक डेंगू के मामलों की संख्या 348 थी, वहीं सितंबर के आखिर तक ये बढ़कर 3,200 से अधिक हो गई। अस्पतालों से प्राप्त हो रही जानकारियों के मुताबिक इस बार राज्य में डेंगू के गंभीर DEN-2 स्ट्रेन के बारे में पता चला है, जिसके कारण गंभीर रोग  विकसित होने का खतरा अधिक हो सकता है।

चार में से एक परिवार मच्छर जनित बीमारियों का शिकार

डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया को लेकर देशभर में किए गए सर्वेक्षण में पाया गया है कि पिछले तीन वर्षों में लगभग हर चार में से एक परिवार मच्छर जनित बीमारियों का शिकार हुआ। सामुदायिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोकलसर्कल्स द्वारा 327 जिलों में 58,000 लोगों पर किए गए सर्वेक्षण में 73 प्रतिशत लोगों ने दावा किया कि उनके शहरों में नगर निगमों ने पिछले कुछ वर्षों में मच्छर जनित बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम नहीं किया है। मानसून के दिनों में अगर सावधानी बरती गई होती और पर्याप्त उपाय किए गए होते तो इस मामलों को बढ़ने से रोका जा सकता था। 

————–

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।