Delhi Pollution Update :दिल्ली में हवा की स्थिति आज भी गंभीर, द्वारका में Aqi 486 और igi एयरपोर्ट पर 480 – Air Condition In Delhi Still Serious, Aqi 486 At Dwarka
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– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता आज भी गंभीर स्थिति में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार द्वारका में AQI 486 और IGI एयरपोर्ट पर 480 दर्ज किया गया है। आया नगर में 464 और जहांगीरपुरी में वायु की गुणवत्ता 464 रिकॉर्ड की गई है।
Air quality across Delhi continues to be in the ‘Severe’ category as per the Central Pollution Control Board (CPCB).
AQI in Aya Nagar at 464, in Dwarka Sector-8 at 486, in Jahangirpuri at 463 and around IGI Airport (T3) 480 pic.twitter.com/0dlvgOf19W
— ANI (@ANI) November 5, 2023
दिल्ली और एनसीआर की हवाओं के बड़े खलनायक
भौगाेलिक स्थिति
दिल्ली हर तरफ से जमीन से घिरी है। हवाओं के मामले में इसकी स्थिति कीप जैसी है। पड़ोसी राज्यों की मौसमी हलचल का सीधा असर दिल्ली-एनसीआर में पड़ता है। चारों तरफ से आने वाली हवाएं कीप सरीखे दिल्ली-एनसीआर में फंस जाती हैं। नतीजा गंभीर स्तर के प्रदूषण के तौर पर दिखता है।
मिक्सिंग हाइट व वेंटिलेशन इंडेक्स में गिरावट
सर्दी में मिक्सिंग हाइट (जमीन की सतह से वह ऊंचाई, जहां तक आबोहवा का विस्तार होता है) कम होती है। गर्मियों के औसत चार किमी के विपरीत सर्दियों में यह एक किमी से भी कम रहता है। वहीं, वेंटिलेशन इंडेक्स (मिक्सिंग हाइट और हवा की चाल का अनुपात) भी संकरा हो जाता है। इससे प्रदूषक ऊंचाई के साथ क्षैतिज दिशा में भी दूर-दूर तक नहीं फैल पाते। पूरा इलाका ऐसे हो जाता है, जैसे कंबल से उसे ढंक दिया गया हो। शनिवार को हवा की मिक्सिंग हाइट 3्र्र,000 मीटर रही। जबकि वेंटिलेशन इंडेक्स 9000 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रहा।
हवाओं का रुख बदला रफ्तार पड़ी धीमी
गर्मी के उलट सर्दी में दिल्ली पहुंचने वाली हवाएं उत्तर, उत्तर-पश्चिम, उत्तर-उत्तर-पश्चिम और पश्चिम से दिल्ली-एनसीआर में पहुंचती हैं। वातावरण की ऊपरी सतह पर चलने वाली यही हवाएं प्रदूषकों को दूसरे शहरों से दिल्ली लेकर पहुंचती हैं। जबकि धरती की सतह पर चलने वाली हवाओं की चाल धीमी होती है। शनिवार सतह पर चलने वाली हवाओं की दिशा उत्तर और उत्तर पश्चिमी रही। इसकी चाल हर घंटे औसतन छह किमी थी। जबकि हर घंटे 10 किमी होना चाहिए। इससे दूर से आने वाले प्रदूषकों का सतह की हवाओं के सुस्त पड़ने से दूर तक जाना संभव नहीं रहता।
गर्मी में पूर्वी और तेज होती है हवा की रफ्तार
गर्मी के मौसम में हवाओं की दिशा पूर्वी हो जाती है। इस दौरान भी कई बार पश्चिम दिशा से अफगानिस्तान, पाकिस्तान और राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों से गर्मी हवाएं दिल्ली-एनसीआर तक पहुंचती हैं। इससे वातावरण में गर्मी अधिक बढ़ती है। गर्मी के मौसम में भी हवाएं अपने साथ धूल के कण लेकर आती हैं, लेकिन हवा की रफ्तार अधिक होने की वजह से यह दिल्ली-एनसीआर से निकल जाती है।
मौसमी बदलाव से जल्दी आया स्मॉग का दौर :
हवाओं के रुख व रफ्तार और तापमान के मिले-जुले असर से स्मॉग का दौर भी जल्दी आ रहा है। 1970 से 1993-94 तक नवंबर मध्य में दिखने वाली स्मॉग की चादर 1995 के बाद से अक्तूबर से ही दिखने लगी। नवंबर शुरू होते ही हालात गंभीर हो गए हैं। स्मॉग की मोटी परत के कारण कई लोगों को सांस संबंधित व स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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