Covid-19:क्या वापस आ रहा है कोरोना? ये तीन संकेत बढ़ा रहे हैं चिंता, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ – New Covid Variant Worldwide Know Eris Pirola Covid Risk And Complications In Hindi
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना वायरस में लगातार म्यूटेशन जारी है, इससे नए वैरिएंट्स के विकसित होने का जोखिम बढ़ रहा है। नए वैरिएंट्स के साथ संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। हाल ही में यूके-यूएस और सिंगापुर में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेज उछाल आया है। यह कितना चिंताजनक है? क्या वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य जोखिम फिर से बढ़ रहे हैं?
आइए जानते हैं, किन नए वैरिएंट्स के कारण खतरा बढ़ते की आशंका जताई जा रही है?
यूएस-यूके सहित कई अन्य देशों में ओमिक्रॉन का पिरोला वैरिएंट (BA.2.86) स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए बड़ी चिंता का कारण बना हुआ है। सबसे पहले इस साल जुलाई में इस नए वैरिएंट की पहचान की गई थी, इसके बाद से ये कई देशों में काफी तेजी से बढ़ा है। अध्ययनों में पता चला है कि यह ओमिक्रॉन का अब तक का सबसे अधिक म्यूटेशनों वाला वैरिएंट है। BA.2.86 में 35 नए उत्परिवर्तन हैं,अधिक म्यूटेशनों का मतलब यह आसानी से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को चकमा दे सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना के इस वैरिएंट को ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में वर्गीकृत किया है। प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि कोरोना का ये नया वैरिएंट EG.5, ओमिक्रॉन XBB.1.9.2 का ही एक प्रकार है। इसके मूल स्ट्रेन की तुलना में इसमें दो अतिरिक्त स्पाइक म्यूटेशन (Q52H, F456L) देखे गए हैं। ये म्यूटेशन इस वैरिएंट को अधिक संक्रामकता वाला बनाते हैं।
कमजोर प्रतिरक्षा या क्रोनिक बीमारियों के शिकार लोगों को यह ज्यादा तेजी से संक्रमित करने वाला पाया गया है, यही कारण है कि कई देशों में इसके कारण संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं।
कोरोना की हालिया रिपोर्ट्स में सिंगापुर में बढ़ते खतरों को लेकर अलर्ट किया गया है। यहां पर मुख्य रूप से दो वैरिएंट्स EG.5 और HK.3 के कारण मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। ये दोनों ओमिक्रॉन XBB के ही सब-वैरिएंट्स हैं। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि देश में जिस तरह से संक्रमण के मामलों में उछाल आई है ऐसे में आशंका है कि संक्रमण की एक और लहर आ सकती है।
कोरोना के नए वैरिएंट्स और इसके कारण बढ़ते रोगियों की संख्या फिर से चिंता बढ़ा रही है, ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि कोरोना वापस आ रहा है? इस बारे में लंदन यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ कहते हैं, निश्चित ही संक्रमण के मामलों का बढ़ना गंभीर चिंताकारक है पर इससे फिर से वैश्विक जोखिम की आशंका कम है। वायरस खुद को जिंदा रखने के लिए लगातार म्यूटेटेड होते रहते हैं। दुनियाभर में वैक्सीनेशन की दर बढ़ी है, शरीर में संक्रमण या टीकों से वायरस के प्रति प्रतिरक्षा विकसित हो चुकी है, ऐसे में नए वैरिएंट्स के कारण खतरे की आशंका कम है। हालांकि सभी लोगों को निरंतर बचाव के लिए प्रयास करते रहना चाहिए, कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर को लेकर सभी लोगों को निरंतर ध्यान देते रहने की आवश्यकता है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
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