Chandigarh :राज्यपाल पुरोहित के खिलाफ फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची पंजाब सरकार, आज हो सकती है सुनवाई – Punjab Government Again Reaches Supreme Court Against The Governor
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सुप्रीम कोर्ट
– फोटो : ANI
विस्तार
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार और राजभवन के बीच रार अभी बरकरार है। राज्यपाल के खिलाफ मान सरकार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। बीते 20 व 21 अक्तूबर को बुलाए विधानसभा सत्र को गैर कानूनी ठहराने व तीन वित्त विधेयकों को पेश करने की अनुमति न देने के राजभवन के फैसले को पंजाब सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है। सरकार की ओर से इसी सप्ताह दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है। इससे पूर्व फरवरी में बजट सत्र बुलाने के लिए अनुमति न देने पर भी पंजाब सरकार ने राजभवन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
राज्यपाल ने तीन वित्त विधेयक पेश करने की नहीं दी थी अनुमति
पंजाब सरकार ने 20 व 21 अक्तूबर को विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुलाया था, लेकिन राज्यपाल ने इसे इस आधार पर गैरकानूनी ठहराया था कि बजट सत्र की निरंतरता के रूप में ऐसा कोई सत्र नहीं बुलाया जा सकता। इसके साथ ही राज्यपाल ने दो दिवसीय सत्र में सरकार को तीन वित्त विधेयक पेश करने की अनुमति भी नहीं दी थी। इसके चलते उक्त दो दिवसीय सत्र को पहले ही दिन मात्र तीन घंटे में ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा था। इस दौरान सीएम भगवंत मान ने सदन में एलान किया था कि वह राजभवन के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही सत्र बुलाया जाएगा। पंजाब के लोगों को सत्र की वैधता का भरोसा देने के बाद ही कोई बिल सदन में पेश किया जाएगा।
राज्यपाल का सीएम को पत्र- लंबित विधेयकों पर जल्द लेंगे फैसला
विधानसभा सत्र के लिए सरकार के राजभवन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के बीच राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर भरोसा दिया है कि उनके पास विचाराधीन तीन वित्त विधेयकों समेत पांच विधेयकों पर वे जल्द फैसला लेकर उन्हें सूचित करेंगे। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले इस पत्र ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज कर दी है।
रविवार को भेजे पत्र में राज्यपाल ने कहा कि वह पंजाब के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी लंबित विधेयकों के बारे में संविधान के प्रावधानों के तहत प्राथमिकता के आधार जल्द फैसला लेंगे। उन्होंने कहा, हालांकि विधानसभा सत्र को बुलाने के साथ सत्र की निरंतरता की संवैधानिकता के बारे में संविधान के विभिन्न प्रावधानों के साथ प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के उल्लंघन से गंभीर संदेह उठे हैं। फिर भी पंजाब के लोगों के व्यापक हित में संबंधित पक्षों से परामर्श के बाद, सभी विधेयकों की गुणवत्ता के साथ भारत के संविधान के विभिन्न प्रावधानों के संदर्भ में उनकी जांच करने का निर्णय लिया है।
राज्यपाल ने लिखा- आने वाले दिनों में प्रत्येक विधेयक पर फैसले के बारे में आपको अलग-अलग जानकारी दूंगा। राज्यपाल ने पत्र में स्पष्ट किया- ”आपके मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से मैंने पंजाब विधानसभा द्वारा पारित 27 में से 22 विधेयकों को पहले ही सहमति दे दी है। तीन वित्त विधेयकों सहित बकाया विधेयक मेरे विचाराधीन हैं। आने वाले दिनों में उन पर विचार करने के बाद कोई निर्णय लूंगा। उसी के अनुसार मैं इस संबंध में आपको जानकारी दे दूंगा।”
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