Jammu :अग्निवीर की मृत्यु के बाद गतलफहमियों को दूर करने के लिए सेना ने जारी किया स्पष्टीकरण, बताई प्रतिबद्धता – Jammu: Army Issues Clarification To Clear Misunderstandings After Agniveer’s Death

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Jammu :अग्निवीर की मृत्यु के बाद गतलफहमियों को दूर करने के लिए सेना ने जारी किया स्पष्टीकरण, बताई प्रतिबद्धता – Jammu: Army Issues Clarification To Clear Misunderstandings After Agniveer’s Death

Jammu :अग्निवीर की मृत्यु के बाद गतलफहमियों को दूर करने के लिए सेना ने जारी किया स्पष्टीकरण, बताई प्रतिबद्धता – Jammu: Army Issues Clarification To Clear Misunderstandings After Agniveer’s Death

Jammu: Army issues clarification to clear misunderstandings after Agniveer's death

भारतीय सेना (सांकेतिक तस्वीर)।
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार


जम्मू-कश्मीर में अग्निवीर अमृतपाल सिंह की मौत पर उठे सवालों और गलतफहमी को दूर करने के लिए सेना ने शुरुआती जांच के बाद स्पष्टीकरण जारी किया है। सेना ने कहा कि यह परिवार और भारतीय सेना के लिए एक गंभीर क्षति है कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने संतरी ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।

मौजूदा प्रथा के अनुरूप, चिकित्सीय-कानूनी प्रक्रियाओं के संचालन के बाद, पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए एक एस्कॉर्ट पार्टी के साथ सेना की व्यवस्था के तहत मूल स्थान पर ले जाया गया। सशस्त्र बल अग्निपथ योजना के कार्यान्वयन से पहले या बाद में शामिल हुए सैनिकों के बीच लाभ के अधिकारों और प्रोटोकॉल के संबंध में अंतर नहीं करते हैं।

आत्महत्या अथवा स्वयं को लगी चोट के कारण होने वाली मृत्यु की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं या फिर प्रवेश के प्रकार की परवाह किए बिना सशस्त्र बलों द्वारा परिवार के साथ गहरी और स्थायी सहानुभूति के साथ-साथ उचित सम्मान दिया जाता है। हालाँकि ऐसे मामले प्रचलित 1967 के मौजूदा सेना आदेश के अनुसार सैन्य अंत्येष्टि के हकदार नहीं हैं। इस विषय पर बिना किसी भेदभाव के नीति का लगातार पालन किया जा रहा है।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 2001 के बाद से 100 से 140 सैनिकों के बीच औसत वार्षिक क्षति हुई है। इसमें आत्महत्याए अथवा स्वयं को लगी चोटों के कारण मौतें हुई हैं और ऐसे मामलों में सैन्य अंत्येष्टि की अनुमति नहीं दी गई। अलबत्ता पात्रता के अनुसार वित्तीय सहायता या राहत के वितरण को उचित प्राथमिकता दी जाती है। इसमें अंत्येष्टि के लिए तत्काल वित्तीय राहत भी शामिल है।

हानि की ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं परिवार और एक बिरादरी के रूप में सशस्त्र बलों पर भारी पड़ती हैं। ऐसे समय में परिवार के सम्मान, गोपनीयता और प्रतिष्ठा को बनाए रखना और दुख की घड़ी में उनके साथ सहानुभूति रखना समाज के लिए महत्वपूर्ण और अनिवार्य है। सशस्त्र बल नीतियों और प्रोटोकॉल के पालन के लिए जाने जाते हैं और पहले की तरह ऐसा करना जारी रखेंगे। लिहाजा भारतीय सेना इस प्रकरण में भी समाज के सभी तबकों से सहयोग की उम्मीद करती है और साथ ही अपने निर्धारित नियमों के अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध है। 

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