मध्यप्रदेश विधानसभा भवन (फाइल फोटो)
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मध्य प्रदेश में जीतने वाले 230 विधायकों में से 90 यानी 39 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। डेमोक्रेटिक रिफॉर्म एसोसिएशन (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक 90 में से 34 के खिलाफ गंभीर अपराधों से जुड़े मामलों में केस दर्ज हैं। 90 दागी विधायकों में से 51 भाजपा के हैं, 38 कांग्रेस और एक भारतीय आदिवासी पार्टी से है। वर्ष 2018 की तुलना में इस बार दागियों की संख्या थोड़ी कम हुई है। 2018 में 94 दागी विधायक चुने गए थे।
राज्य में 12 फीसदी महिला विधायक
दिलचस्प बात यह है कि लाडली बहना योजना के नाम पर महिलाओं के वोट से चुनाव में भाजपा को बंपर जीत मिली और कांग्रेस ने भी महिलाओं के लिए तमाम योजनाओं के वादे किए। लेकिन, 230 में से केवल 27 यानी 12 फीसदी विधायक ही महिला चुनी गई हैं। इस बार चुने गए 230 में से 205 यानी 89 फीसदी विधायक करोड़पति हैं। इनमें से 144 भाजपा से और 61 कांग्रेस से जुड़े हैं। 2018 में 187 विधायक करोड़पति थे। रतलाम से भाजपा के विधायक चेतन्य कश्यप सबसे अमीर विधायक हैं। उनकी कुल संपत्ति करीब 296 करोड़ रुपये है। इसी तरह विजयराघवगढ़ के विधायक सत्येंद्र पाठक 242 करेाड़ रुपये की कुल संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं। वहीं, कांग्रेस में कमलनाथ 134 करोड़ की संपत्ति के साथ सबसे अमीर विधायक हैं।
छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित विधायकों में 17 दागी
इधर, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में जीतने वाले 90 विधायकों में से 17 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें छह के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं। छत्तीसगढ़ इलेक्शन वॉच और डेमोक्रेटिक रिफॉर्म एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में 24 यानी 27 फीसदी विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे। इस तरह पिछले बार की तुलना में इस बार दागी विधायकों की संख्या में कमी आई है। इन 17 विधायकों में से 12 भारतीय जनता पार्टी के हैं, जबकि 5 कांग्रेस के हैं। इसी तरह से गंभीर आपराधिक मामलों का सामना करने वालों में भाजपा के चार और कांग्रेस के 2 विधायक शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, देवेंद्र यादव और अटल श्रीवास्तव कांग्रेस के बड़े चेहरे हैं, जिनके खिलाफ मामले दर्ज हैं।
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