सुशील दोशी की कलम से:ऑस्ट्रेलिया जल्दी हार मानने वाली टीम नहीं, अब भारत के लिए चुनौतियां होंगी ज्यादा मुश्किल – World Cup Sushil Doshi Analysis On Australia Vs Netherlands Match India South Africa Pakistan Wc 2023
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सुशील दोशी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
नमस्कार! मैं सुशील दोशी एक बार फिर से आपका स्वागत करता हूं। विश्व कप के मैच यूं तो अच्छे हो रहे थे, लेकिन अचानक ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड के बीच जो मुकाबला हुआ वह इतना एकतरफा हुआ कि दर्शकों को लगा कि यह तो शेर और बकरी मुकाबले की तरह है। ऑस्ट्रेलिया जो अब तक फॉर्म में नहीं था, संघर्ष कर रहा था सेमीफाइनल तक पहुंचने के लिए, उसके लिए यह मुकाबला जीतना बेहद जरूरी था। नीदरलैंड एक उलटफेर कर चुका था। वह दक्षिण अफ्रीका को हरा चुका था। ऑस्ट्रेलिया बहुत सावधान था और उसके खिलाड़ी एक दम से फॉर्म में आ गए। उसके बल्लेबाज जिनका धीमी पिचों पर टाइमिंग जम नहीं रहा वह अचानक फॉर्म में आ गए। उन्होंने जिस तरह का प्रदर्शन किया, उससे फिर साबित कर दिया कि ऑस्ट्रेलिया जल्दी हार मानने वाली टीम नहीं है। ये एक जुझारू टीम है जो विपरीत परिस्थितियों में आपका सामना कर सकती है और अपने आप को चुनौती के साथ प्रस्तुत कर सकती है।
मुझे यह अच्छा लगा कि विश्व कप के मुकाबले अब गहरा गए हैं। विश्व कप के मुकाबले अब गरमा भी गए हैं, क्योंकि हमने अभी देखा कि वॉर्नर जिस तरह से बल्लेबाजी कर रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि भारतीय पिचें उनको बेहद पसंद आ गई है। ग्लेन मैक्सवेल को लोग मैडमैक्स कहते हैं। वह पागलपन की सीमा तक तेज बल्लेबाजी करने के लिए माहिर हैं। 40 गेंदों पर शतक लगाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया। स्टीव स्मिथ भी फॉर्म में आ गए। मार्नश लाबुशेन भी अच्छा खेल रहा है तो कुल मिलाकर ऑस्ट्रेलिया की टीम वैसा खेल रही है जिसके लिए वे जाने जाते हैं।
भारत के लिए अब चुनौतियां बहुत ज्यादा कड़ी हो जाएंगी। हमने देखा कि दक्षिण अफ्रीका 400 रन के करीब का लक्ष्य देने लगी है और ऑस्ट्रेलिया भी वही काम कर रही है। धीमी पिचों पर उनको मुश्किलें पेश आ रही थीं, लेकिन जैसे-जैसे वक्त गुजर रहा है भारतीय पिचों से उनकी टीम अभ्यस्त होती जा रही है। उनकी बल्लेबाजी निखर रही है।
ऑस्ट्रेलिया के बारे में मैं यह कहना चाहूंगा कि उनकी तेज गेंदबाजी पहले से ही मजबूत थी। पैट कमिंस हैं और उनके साथ मिचेल स्टार्क हैं। वह दुनिया के सबसे अच्छे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज माने जाते हैं। शुरू में विकेट उखाड़ने के लिए प्रसिद्ध हैं। साथ ही जोश हेजलवुड हैं। इन तीनों की जोड़ी बहुत कामयाब हैं। उन्हें पता है कि भारतीय पिचों पर किस तरह की गेंदबाजी करनी है। उन्होंने नीदरलैंड को केवल 90 रन पर उखाड़ दिया। 400 रन का लक्ष्य दिया था तो एक तरह से ऑस्ट्रेलिया का आत्मविश्वास बढ़ गया होगा कि वह किसी भी टीम का सामना कर सकते हैं। उसकी टीम में एडम जम्पा और ग्लेन मैक्सवेल जैसे दो स्पिनर हैं। उनका आक्रमण भी भारत की तरह ही संतुलित है। कुल मिलाकर न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया की चुनौती भारत के लिए बहुत बड़ी होगी।
उधर पाकिस्तान जैसे-जैसे हारता जा रहा है और टूर्नामेंट से बाहर होने की बात चल रही है, वहां उनके देश में कपड़े फाड़ने की परंपरा शुरू हो गई है। हमने देखा कि किस तरह वहां के पुराने खिलाड़ी टीम पर टूट पड़े हैं। बाबर आजम की तो धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उनकी कप्तानी की आलोचना हो रही है। मैं समझता हूं कि पाकिस्तान के लिए ये विश्व कप बुरे सपने की तरह रहा है। उनको फिर से उठना होगा। उनकी टीम को फिर से सोचना होगा। उन्हें देशहित के बारे में सोचना होगा। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनको काम करना होगा। कुल मिलाकर अब मुकाबले बेहद कड़े होने वाले हैं। भारत के लिए न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया की चुनौती बहुत भारी पड़ने वाली है। टूर्नामेंट बेहद दिलचस्प और रोचक हो गया है।
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